
बिहार की राजनीति में तेज चला बयान, लेकिन बटन दबा पार्टी ने ‘डीएक्टिवेट’ कर दिया। आरजेडी से निकाले जा चुके तेज प्रताप यादव अब मीडिया में आत्मघोषित ‘लालू 2.0’ बनकर उभरे हैं। उनका दावा है कि चाल-ढाल, बोल-भाषण और हंसी तक उनके पापा जैसी है, बस फर्क इतना है कि एक ट्विटर पर ट्रेंड करते हैं, दूसरा ट्रोल।
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चाल मेरी लालू जैसी, और चालाकी भी!
तेज प्रताप बोले, “मैं जमीन से जुड़ा नेता हूं, इसलिए कुछ लोग मेरी जड़ों को ही काटने में लगे हैं।” सच कहें तो उनकी ये ‘जमीन से जुड़ी हुई राजनीति’, अब कुछ लोगों को ‘भूमिगत कॉमेडी’ जैसी लगने लगी है। वो बोले- “मुझे टारगेट किया जाता है, क्योंकि मैं लालू जैसा दिखता हूं।” मानो लोकतंत्र का टिकट बाय डिफॉल्ट पारिवारिक पैक में मिलता है — बेटा, बालों की लंबाई और भाषा की शैली मिल गई? चलो, अब मुख्यमंत्री बन जाओ!
तेजस्वी बने मुख्यमंत्री, मैं बनूंगा ‘किंगमेकर’ — जैसे घर का Wi-Fi कोई और लगाए, पासवर्ड हमारे पास रहे!
तेज प्रताप ने बताया कि तेजस्वी यादव को लेकर उनके मन में कोई ईर्ष्या नहीं है। “मैं चाहता हूं कि वो मुख्यमंत्री बने, लेकिन मैं रहूंगा किंगमेकर।” यानी जैसे शतरंज में राजा बैठे रहते हैं, और सारा काम वज़ीर करता है, वैसे ही तेज प्रताप सत्ता की कुंजी अपने पास रखना चाहते हैं — सीट भले न मिले, लेकिन रिमोट कंट्रोल मेरे पास रहे!
फोटो पोस्ट की, अकाउंट हेक बताया — लेकिन पार्टी ने ‘लॉगआउट’ करा दिया
तेज प्रताप का विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने अनुष्का यादव नाम की युवती के साथ 12 साल पुरानी दोस्ती की फोटो शेयर कर दी।
बवाल मचा, तो बोले — “मेरा अकाउंट हैक हो गया था!”
फेसबुक पर रिलेशनशिप स्टेटस अपडेट करने में देर नहीं लगी, लेकिन पार्टी से निकालने में लालू जी ने ज़रा भी देर नहीं की।
आरजेडी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया, और घर वालों ने भी “इस फोटो में मैं नहीं हूं” वाला रुख अपना लिया।
पार्टी से आउट, लेकिन बयानबाज़ी में फुल फॉर्म में
तेज प्रताप के सोशल मीडिया बयान अब राजनीतिक स्क्रिप्ट से ज्यादा स्टैंडअप कॉमेडी से लगते हैं। पार्टी वर्कर अब ये तय नहीं कर पा रहे कि ये कोई भावी मुख्यमंत्री हैं या वायरल कंटेंट क्रिएटर। जब राजनीति हो ‘रिल्स फॉर्मेट’ में, तो टिक-टॉक बंद होने का ग़म अब नेताओं ने खुद ही पूरा कर लिया है।
राजनीति में तेज, सोशल मीडिया पर Superfast — लेकिन ज़मीन पर स्लो मोशन
तेज प्रताप यादव को अपने ऊपर पूरा भरोसा है, मगर बिहार की राजनीति में उनका ट्रैक रिकॉर्ड “लोडिंग…” मोड में है। जहां तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम की कुर्सी तक पहुंच चुके हैं, तेज प्रताप अभी भी किंगमेकर का PPT प्रेजेंटेशन बना रहे हैं।
राजनीति की रेस में तेज़ भी हैं, प्रतापी भी — लेकिन रस्ता शायद Google Maps से नहीं मिलता
तेज प्रताप यादव को लेकर यह तो तय है कि उनकी शैली निराली है — कभी राधा के रूप में मंदिर में, कभी शिव बनकर जनता के बीच, और अब ‘अगला लालू’ बनकर मंच पर।
लेकिन असली सवाल ये है, क्या तेज प्रताप राजनीति में सिरियस हैं, या सिरियसली वायरल होना ही लक्ष्य है?